۵ آذر ۱۴۰۳ |۲۳ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 25, 2024
सदरूद्दीन कबांची

हौज़ा /हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद सदरुद्दीन क़बांची ने शहीद सद्र (र.अ.) की पुण्यतिथि पर कहा कि अत्याचारी इराकी बाअसी सरकार विद्वानों से भयभीत थी इसीलिए विद्वानों को शहीद कर दिया।

हौज़ा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नजफे अशरफ के इमामे जुमा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद सदरुद्दीन क़बांची ने आयतुल्लाह सैयद सादिक सद्र (र.अ.) की पुण्यतिथि के मौके पर जवानो और बुद्धिजीवियों से शहीद के बहुमूल्य लेखन का अध्ययन करने का निर्देश दिया।।

दमनकारी बाअसी शासक विद्वानों से भयभीत थे

आयतुल्लाह शहीद सद्र (र.अ.) की किताबो को बहुत उपयोगी बताते हुए उन्होंने कहा कि अत्याचारी बाअसी शासक विद्वानों से भयभीत थे इसलिए उन्हें शहीद करा दिया और यह बाअसी सरकार की राजनीति थी। आयतुल्लाह शहीद सद्र की शहादत भी इसी गलत राजनीति की श्रृंखला थी। 

वैश्विक शक्ति और सामंतवाद के युग का अंत
 
संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच बैठक पर प्रकाश डालते हुए, नजफे अशरफ के इमामे जुमा ने कहा कि वैश्विक शक्ति और सामंती व्यवस्था का युग समाप्त हो गया है और अब वैश्विक राष्ट्र का ज़माना है, इस्लामी दुनिया के नेताओं को अपने हितो के बजाय राष्ट्रों के हितों के बारे में सोचना चाहिए। 

कनाडा की हालिया घटना इस्लामोफोबिया का प्रमाण है

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन क़बांची ने कनाडा में मुसलमानों पर आतंकवादी हमलों और अपराधियों को गिरफ्तार करने में सरकार की विफलता की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ये उपाय इस्लाम के खिलाफ मुंह बोलता सबूत हैं।

उन्होंने हशदुश्शाअबी के कमांडर कासिम मुस्लेह की रिहाई के संबंध मे कहा कि कासिम मुस्लेह की गिरफ्तारी, दुश्मन के पीछे गलत राजनीति का सबूत है, इसलिए इराक को इस मुद्दे से दूर रहना चाहिए और अपने दुश्मनों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।

नजफे अशरफ के इमामे जुमा ने  इराकी सरकार से हशदुश्शाअबी के हजारो सदस्यो कि जिनको हशदुश्शाअबी से असंबंधिक करार दिया गया था, पुनः इस संगठन मे सम्मिलित करने का आह्वान किया। सरकार ने इस संबंध में निर्णय लिया था लेकिन अभी तक शुरू करने में सफलता नहीं सकी है।

ISIS परिवारों को सीरिया से इराक में स्थानांतरित करने का मुद्दा महत्वपूर्ण है, इसलिए समय पर कार्रवाई की जानी चाहिए

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन क़बांची ने सरकार और संसद के सदस्यों से आईएसआईएस परिवारों के सीरिया से इराक स्थानांतरण के मुद्दे को मानवीय, राजनीतिक और शांति व्यवस्था के दायरे मे समय पर कार्रवाई करने का आह्वान किया।

जनता से कोरोना वैक्सीन लेने का आग्रह 

उन्होंने इराकी लोगों से निशुल्क लगाई जाने वाली कोरोना वैक्सीन लगवाने का आह्वान करते हुए कहा मुज्तहिदों ने इसका प्रस्ताव रखा है और वैक्सीन लगवाई है।

नजफ के इमामे जुमा ने बगदाद में एक अंतरराष्ट्रीय "बुक स्टॉल" की स्थापना को सबसे अच्छा कदम बताते हुए युवाओं को संकलन और अध्ययन करने का निर्देश दिया।

युवाओ को तीन बड़े संकटों का सामना 

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद सदरुद्दीन क़बांची ने युवाओं के सामने आने वाले संकटों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे युवा तीन बड़े संकटों का सामना कर रहे हैं जो इस प्रकार हैं: भविष्य के मुद्दे, वैवाहिक मुद्दे और राजनीतिक मुद्दे। इस्लाम के पास इन संकटों का समाधान है। अल्लाह तआला का फरमान हैं: "वा मय यत्तक़िल लाहो यजअल लहू मखराजन ..." इन संकटों से बाहर निकलने के लिए, व्यक्ति को अल्लाह तआला से मुतामस्सिक होने, तौफ़ीक़ तलब और ख़ुदा पर भरोसा करने की आवश्यकता है।

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